Friday, November 18, 2011

एथिकल हैकर की डिमांड ज्यादा

कोटा। पहली बार कोटा आए युवा एथिकल हैकर अंकित फाडिया ने भास्कर से खास बातचीत में कहा कि दुनियाभर में हैकिंग व साइबर क्राइम से सरकारें, सेना, पुलिस, बैंक, कापरेरेट सेक्टर और इंटरनेट यूजर्स खासे परेशान हैं। एथिकल हैकर्स की डिमांड ज्यादा होने से इसमें अच्छा कॅरिअर बनाया जा सकता है। इसके लिए एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, नेटवर्किग, यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का नॉलेज और एक क्रिमिनल की तरह सोचने की क्षमता होना जरूरी है।


उन्होंने कहा कि वाईफाई नेटवर्क होने से साइबर आतंकी कभी भी संसद की गोपनीय सूचनाएं भी हैक कर सकते हैं। इससे बचने के लिए हमें साइबर सिक्योरिटी पॉलिसी और साइबर ऑडिट जैसे विकल्पों पर तेजी से अमल करना होगा। संवेदनशील डाटा ऑनलाइन होने से हाई रिस्क रहती है, इसे कोई भी क्रिमिनल हैकर सर्च कर सकता है। बचपन में खेल-खेल में हैकिंग करने वाले अंकित एथिकल हैकर के रूप में अंतरराष्ट्रीय पहचान बना चुके हैं।
४५ देशों में १ हजार लाइव सेमिनार

कार्यक्रम संयोजक अविनाश बेदी ने बताया कि 25 साल के अंकित फाडिया अब तक हैकिंग पर 14 किताबें लिख चुके हैं। उन्होंने 12 साल की उम्र में देश में हैकिंग पर सबसे पहली किताब लिख दी थी। अब तक 45 से ज्यादा देशों में 1 हजार लाइव सेमिनार व कंसलटेंसी ट्रेनिंग दे चुके फाडिया डिजिटल इंटेलीजेंस कंसल्टेंट भी हैं। वे ईथिकल हैकिंग पर पीजी डिप्लोमा व डिग्री कोर्स भी चलाते हैं। भारत-पाक साइबर आतंकी हमले के दौरान 16 साल की उम्र में आतंकी धमकियां मिलने पर उन्हें 7 दिन पुलिस सुरक्षा में रहना पड़ा था।

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